टाटा मोटर्स में बड़ा बदलाव! 1 अक्टूबर 2025 से कंपनी दो हिस्सों में बंटी – जानिए निवेशकों पर क्या पड़ेगा असर
नई दिल्ली: Tata Motors ने आधिकारिक रूप से अपने Demerger प्लान को लागू कर दिया है। 1 अक्टूबर 2025 से कंपनी अब दो अलग-अलग लिस्टेड कंपनियों में बंट चुकी है —
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Tata Motors Passenger Vehicles Ltd (TMPV) – जिसमें Jaguar Land Rover (JLR) और Electric Vehicle (EV) बिज़नेस शामिल हैं।
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Tata Motors Commercial Vehicles Ltd (TML CV) – जो कंपनी के कमर्शियल व्हीकल ऑपरेशन्स को संभालेगी।
शेयरहोल्डर्स को मिला नया शेयर
Tata Motors के डिमर्जर स्कीम के तहत, हर एक Tata Motors शेयर के बदले शेयरहोल्डर्स को Tata Motors CV का एक शेयर दिया गया है।
इससे यह सुनिश्चित हुआ है कि दोनों नई कंपनियों में मालिकाना हक (ownership) एक जैसा बना रहे।
कंपनी के नामों में बड़ा बदलाव
TML Commercial Vehicles Ltd को अब आधिकारिक रूप से Tata Motors Ltd नाम दे दिया गया है।
वहीं, पहले से मौजूद Tata Motors Ltd (जो पहले से शेयर बाजार में लिस्टेड थी) का नाम अब बदलकर Tata Motors Passenger Vehicles Ltd (TMPV) कर दिया गया है।
इस डिमर्जर प्रक्रिया के बाद निवेशक अब कमर्शियल व्हीकल यूनिट की लिस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं, जो नवंबर 2025 में होने की उम्मीद है।
मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसका भारतीय शेयर मार्केट इंडेक्स और पासिव फंड्स पर सीधा असर देखने को मिलेगा।
मार्केट इंडेक्स पर असर — क्या बदलेगा Nifty और Sensex का संतुलन?
Mehta Equities Ltd के सीनियर वीपी (रिसर्च) प्रशांत टैप्से के अनुसार, Tata Motors के डिमर्जर से इंडेक्स में तकनीकी एडजस्टमेंट होंगे।
लिस्टिंग के दिन, Tata Motors CV के लिए एक डमी सिंबल बनाया जाएगा जो सभी इंडेक्स में (जैसे Nifty 50, Nifty 100 और Nifty Auto) शामिल रहेगा। इसका प्राइस ज़ीरो होगा ताकि इंडेक्स की कुल वैल्यू पर कोई असर न पड़े।
टैप्से ने बताया कि,
“जैसे जुलाई 2023 में Reliance Industries से Jio Financial Services (JFSL) अलग हुई थी, वैसे ही Tata Motors CV की लिस्टिंग के दौरान भी यही प्रक्रिया अपनाई जा सकती है।”
उनके मुताबिक, नई Tata Motors CV की लिस्टिंग प्राइस ₹280 से ₹350 के बीच रह सकती है।
लिस्टिंग शुरू होते ही इंडेक्स प्रोवाइडर डमी एंट्री को हटाकर वास्तविक मार्केट वैल्यू को शामिल करेगा। इससे रिबैलेंसिंग होगी, लेकिन कुल वैल्यू पहले जैसी ही बनी रहेगी।
कौन रहेगा इंडेक्स में शामिल?
INVasset PMS के बिज़नेस हेड हर्षल दसानी ने बताया कि Tata Motors Passenger Vehicles Ltd, जिसका मार्केट कैप ज्यादा है, इंडेक्स में बना रहेगा।
वहीं CV यूनिट का इंडेक्स में रहना या न रहना उसके फ्री-फ्लोट और लिक्विडिटी पर निर्भर करेगा।
अगर यह मापदंड पूरे नहीं होते, तो अगली Nifty या Sensex रिबैलेंसिंग में CV यूनिट को बाहर किया जा सकता है।
Passive Funds और ETFs पर असर
जो Passive Index Funds और ETFs Tata Motors में निवेश किए हुए हैं, उन्हें अब अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करना होगा।
लिस्टिंग के दिन ये फंड्स नई CV कंपनी को जोड़ेंगे, जिससे ट्रेडिंग वॉल्यूम और वोलैटिलिटी दोनों बढ़ सकते हैं।
टैप्से के अनुसार,
“फंड मैनेजर्स उम्मीद कर रहे हैं कि Demerger के बाद CV यूनिट को बेहतर वैल्यूएशन मिलेगा, जबकि Passenger Vehicle डिवीजन लंबी अवधि के लिए मजबूत बना रहेगा।”
दसानी ने बताया कि Passive Funds अपने पोर्टफोलियो को रियलाइंन करेंगे — अगर दोनों कंपनियां इंडेक्स में रहेंगी तो दोनों को रखेंगे, वरना गैर-योग्य (non-eligible) शेयर को बेच देंगे।
निष्कर्ष: निवेशकों के लिए क्या मतलब है यह बदलाव?
टाटा मोटर्स का यह डिमर्जर शेयरहोल्डर्स के लिए एक नई शुरुआत की तरह है।
हालांकि शुरुआत में मार्केट में थोड़ी वोलैटिलिटी और रिबैलेंसिंग जरूर दिखेगी, लेकिन लंबे समय में यह कदम वैल्यू डिस्कवरी और सेक्टर-फोकस्ड इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देगा।
सिंपल शब्दों में:
अब Tata Motors दो हिस्सों में बंट चुकी है — एक Passenger Vehicles (EV + JLR) के लिए और दूसरी Commercial Vehicles के लिए।
शेयरहोल्डर्स को दोनों कंपनियों में बराबर हिस्सेदारी मिली है।
अब देखना होगा कि CV यूनिट की लिस्टिंग भारतीय शेयर बाजार में कैसा बदलाव लाती है।